Priyanka06

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -13-Jul-2022 गुरु पूर्णिमा की महिमा

लेखिका-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक - गुरु पूर्णिमा की महिमा

गुरु पूर्णिमा की है बहुत महिमा।
गुरुओं की होती है गरिमा।।

पूजा पाठ में बढ़ती आस्था।
श्रद्धालु करते गुरु की आराधना।।

शिष्य करते गुरु की साधना।
पूरा जग मनाता गुरु पूर्णिमा।।

3000 इस पूर्व में महर्षि वेदव्यास का हुआ जन्म।
उन्हीं के सम्मान में मनाया जाता गुरु पूनम।।

आषाढ़ माह में है इनकी महिमा।
शुक्ल पक्ष में मनाया जाता गुरु पूर्णिमा।।

वेदव्यास का है दूसरा नाम।
कृष्ण द्वैपायन उसका नाम।।

गुरु होता परम ब्रह्मा के समान।
सर्वोपरि होता गुरु का स्थान।।

चंद्र के भांति चमकता गुरु।
अंधेरे में रोशनी देकर करता पथ प्रदर्शन।।

गुरु पूर्णिमा के हैं अनेक नाम।
व्यास पूर्णिमा, मुंडिया पूनो है इनके नाम।।

गुरु पूर्णिमा कहलाता त्योहार।
यहीं से आरंभ हुआ 4 माह त्योहारों का वार।।

चार माह होता चौमासा।
ऋषि ,साधु संत नहीं करते यात्रा।।

एक जगह होता वासा।
इसी कारण व्रत की होती प्रमुखता।।

गुरु पूर्णिमा के दिन जो करें भक्ति भाव से आराधना।
करते मंगलमय जीवन की कामना।।

गुरु की करते प्रार्थना।
भोग में लगाते हलवा।।

बंगाल के साधु सिर मुंडवाते।
तब करते परिक्रमा।।

ब्रज में मुंडिया पूनो के नाम से जाना जाता।
करते वहां गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा।।

कोई करे ब्रह्मा की पूजा, कोई करें दीक्षा गुरु की पूजा।
कोई करता गुरु को साक्षात भगवान मानकर पूजा।।

भारत की पावन भूमि होती है धन्य।
सब जगह होता प्रकाशमान गुरुमय।।

काले बादल का है आकाश में विराजमान।
फिर भी गुरु रूपी चंद्र धरती को करता प्रकाशमान

"गु"का अर्थ अंधकार।
"रू" का अर्थ प्रकाश।।

गुरु का शाब्दिक अर्थ।
तम का करता अंत।।

गुरु पूर्णिमा की है महत्वता।
प्राचीन परंपरा से चली आ रही ज्ञानता।।

   17
8 Comments

shweta soni

14-Jul-2022 11:24 PM

Nice 👍

Reply

Shrishti pandey

14-Jul-2022 04:32 PM

Nice

Reply

Punam verma

14-Jul-2022 04:21 PM

Very nice

Reply